Friday, March 4, 2016

Microsoft word में view menu का प्रयोग कैसे करे।



MS Word : View Menu (वीव मीन)

word_View Menu (वीव मीन):- Web layout:,Normal,print layout,out line,Tool Bars(टूलबार),Header & Footer (हेडर और फुटर),Document Map (डाकुमेंट मैप),Zoom (जूम)
View Menu (वीव मीन):-

इस मेनूके अन्दरdocument का  appearance (स्वरूप) बदलने से सम्बन्धितcommonds  पायी जाती है। इसमें 4 view पाये जाते है।

1. Normal:  इसमें  border, page layout  और  vertical ruler नहीं दिखायी देता है

2. Web layout: इस  view  में  web page  की तरह दिखायी देता हैं जैसा कि internet browser पर दिखायी देता है। लेकिन appearance normal vew  जैसा होता है।

3. print layout: इस view  में page layout, border, & left top में Ruler bar, Right & botton  में scroll bar
दिखायी देता है।

4. out line: इस  view में ruler bar नहीं दिखायी देता है। इसमें  heading, sub heading, text & sub document create कर सकते है। इसमें कोई  graphics object नहीं दिखायी देता है। इसमे एक outline tool bar  भी दिखायी देता है। जिसमें इससे सम्बन्धित GUI commonds होती है।

Tool Bars(टूलबार):-  इसमें विभिन्न तरीके के  tool bar होते है। जिनको यहाॅ से appear  या  disappear  कर सकते है। जैसे कि standard toolbar, formating toolbar & drawing toolbar  इत्यदि ।

Header & Footer (हेडर और फुटर):-  इस आपशन से  header & footer लगा सकते है। और देख सकते है। इस आपशन को select करने पर header & footer toolbar Hभी खुलता है। जिसमें इससे सम्बन्धित commands होती है। जो इस प्रकार दिखायी देता हैं।



Document Map (डाकुमेंट मैप):- इस आपशन को सेलेक्ट करने पर एक बायी ओर window खुल कर आ जाती हैं। जिसमें headingsदिखायी देती हैं। उन  heading पर  click कर उसमें सम्बन्धित text देख सकते हैं। इस तरह इसका प्रयोग heading को collapse & expand करने के लिये प्रयोग करते है।

Zoom (जूम):-इस आपशन से  page का size  छोटा या बडा करने के लिए प्रयोग करते हैं।

Microsoft word में insert menu को कैसे use करे।



MS Word : Insert (इनसर्ट)

word_Insert Menu (इनसर्ट मेनू):-Break (ब्रेक),Page Numbar (पेज नम्बर),Date & Time (तारीख एवं समय),Autotext (आटोटेक्स्ट ),Symbol (सिम्बल),Comments (कमेन्टस),Footnote (फुटनोट),Caption (कैंपसन),Cross Reference (क्रास रिफ्रेन्स ),Index & tables (इन्डेक्स और टेबल्स ),Picture (पिक्टर),Hyperlink (हाइपरलिंक)
Insert(इनसर्ट)

Insert Menu (इनसर्ट मेनू):- इस मीन के अन्दर document  की कार्य क्षमता को बढाने से सम्बन्घित  commonds  होते है। वे इस प्रकार है।

Break (ब्रेक):- इसमें document के matter को पेजों में तोडा जाता है। जब हम इस आपशन को select करते हैं। तो यह एक  dialog box
डिस्पले करता है। जो नीचे दिया गया है।



Page Numbar (पेज नम्बर):- इस आपशन के द्वारा  document  में page Numbar डालते है। इसका dialog box इस तरह डिस्पले होता है।

Date & Time (तारीख एवं समय):-इसमें पेज के अन्दर जहाॅ पर cursor होता है। वहाॅ पर  date & time डाल सकते है।

Autotext (आटोटेक्स्ट ):- इसमे पेज के अन्दर at the cursor position  कुछ विशिष्ट टेक्स्ट को डाल सकते है इससे टाइप करने का समय बच जाता है। और Spelling mistake नहीं होती हैं।

Symbol (सिम्बल):- इस आपशन के द्वारा document में symbol insert  किया जाता है। जब हम इस आपशन को सिलेक्ट करते है तो एक dialog box कुछ इस तरह से दिखायी देता है।

Comments (कमेन्टस):-इस आपशन के द्वारा पेज के अन्दर कहीं भी secret text लगा सकते है। जिसके माध्यम से, बाद में हम कभी उस निश्चित location पर पहुॅच सकते है।

Footnote (फुटनोट):- इस आपशन के द्वारा हम किसी वर्ड की व्याख्या symbol  के साथ पेज की बाटम में दे सकते है। इसका dialog box इस प्रकार डिस्पले हेाता है।

Caption (कैंपसन):- इस आपशन के द्वारा किसी graphics object  का टाइटिल दे सकते है।

Cross Reference (क्रास रिफ्रेन्स ):- इसकी सहायता से हम document में  items को एक दूसरे से link स्थापित कर सकते है। और इसकी सहायता से एक  location  से दूसरी location पर Navigate  कर सकते है उदाहरण के रूप में दो  heading को एक दूसरे से  link कर सकते है। जैसे कि इसमें page 1 पर Heading 1 बनाये और  page 2 पर heading 2 बनायी और इसके बाद  cross reference option को  select कर  insert button पर क्लिक करने से cursor होता है वहाॅ पर link बन जाता है।

Index & tables (इन्डेक्स और टेबल्स ):- इस आपशन की मदद से topics का index तैयार किया जाता है। कि कौन सा topic
किस  page पर है इससे topic ढूढना आसान हो जाता है। जैसा कि किताबो के अन्त में दिया होता है। इसको select करने पर dialog box आता है। जिससे topics की marking कर लेते है। फिर नये पेज पर lndex को  create कर लेते है।

Picture (पिक्टर):- इस आपशन से  document के अन्दर जहाॅ पर cursor होता है। वहाॅ पर computer  में  store किसी भी picture को  insert कर दिया जाता है।
Text Box (;टेक्ट बाक्स ):- इससे  document के अन्दर एक  text box insert हो जाता है। इसके बाद इसमें जो text लिखा जाता है। इसका direction  बदल सकते है।

Hyperlink (हाइपरलिंक):- इसकी सहायता से किसी दूसरी file को document के अन्दर  atach  कर सकते है। उसका एक लिंक बना लेते है और उस पर click करने पर atached file खुल जाती है। इसकी shortcut key ‘ctrl + k’ होती है।

Microsoft word में file menu का प्रयोग कैसे करे।



MS Word : File Menu (फाइल मेनू)

word_File Menu(फाइल मेनू), New (न्यू),Open(ओपेन),Close(क्लोज),Save (सेव),Save as (सेव ऐज),Save as wab page (सेव एज वेब पेज),page setup(पेज सेटअप),Print (प्रिट)
File Menu(फाइल मेनू)_

 New (न्यू):- इस option के माध्यम से नया document बनाया जाता हैं। इसकी
short cut key   Ctrl+N होती है।

Open(ओपेन):- इस  option के माध्यम से पहले से बना हुआ document file को खोलते हैं। इसकी shortcut key ctrl+o होती है।

Close(क्लोज):- इसमें current open file को बन्द किया जाता है

Save (सेव):-इस option के माध्यम से file को permanent storage device पर सुरक्षित करते है।

Save as (सेव ऐज):-इसके द्वारा current open file की duplicate copy तैयार करते है।

Save as wab page (सेव एज वेब पेज):-इस  option के द्वारा file को html format में सेव करते है।
जो internet browser से open हो जाती है।

page setup(पेज सेटअप) :- इस option का प्रयोग पेज की margin size & orientation set सेट करते है इस option को select करने पर page setup dialog box खुल जाता है। जो इस प्रकार दिखायी देता है।



margin से पेपर के चारो तरफ स्पेस set किया जाता है। जैसे कि left Right top & botton इसके साथ header & footer का space भी निर्धारित कर सकते है। gutter position भी सेट कर सकते है। जोकि binding के लिए स्पेस छाडते है। इसको पेज के लेफ्ट में या top में सेट कर सकते है।

pager size:- पेपर साइज से हम पेपर की width & hight घटाते बढाते है। और पेज का orintation set करते है।

Portrait:- peper पर printout horizontal lines में होता है।

Landscape:- peper  पर printout virtical line  में होता है।

Print Preview (प्रिंट प्रीवीव):- इस  कमान्ड की सहायता से देखते है कि पेपर पर printout कैसा आयेगा।

Print (प्रिट):- इस option के द्वारा पेपर पर printout लिया जाता है। इसका diolog box नीचे दिया गया है। जिसमें हम printout की setting कर सकते है।



Sent To (सेंट टू):- इस option के द्वारा document को mail या fax इत्यदि कर सकते है।

Exit(इक्जिट):- इस option के  द्वारा  msword से बाहर आते है।

Microsoft word में edit menu का प्रयोग कैसे करे।



MS Word : Edit Menu (इडिट मेनू)

word_Edit Menu (इडिट मेनू),Undo(अन्डू),Redo (रिडू),Cut (कट),Copy (कापी),Paste Special (पेस्ट स्पेशल),Clear (क्लीयर),Select all (सेलेक्ट आल),Find (फाइन्ड),Replace (रिपलेस),Goto (गोटू)
Edit Menu (इडिट मेनू):-

Undo(अन्डू):- यह आपशन current action को डीलीट करता है। और previous action पर पहुॅच आता है।

Redo (रिडू):- इस आपशन से current action delete हो जाता है। और next action पर पहुॅच जाता है।

Cut (कट):- इस आपशन से द्वारा selected text को हटा कर clipboard में डाल दिया जाता है।

Copy (कापी):- इस commond के द्वारा selected text कापी कर के clipboard में store कर दिया जाता है। और text वही पर बना रहता हैं।

Paste(पेस्ट):- इस आपशन के माध्यम से clipboard में store data को वहा पर paste किया जाता है। जहाॅ पर cursor होता है।
Paste Special (पेस्ट स्पेशल):- selected text को कट या कापी करने के बाद किसी विशिष्ट रूप मे paste कर सकते है। यह आपशन को select करने पर एक dialog box open gोता है। वहाॅ से विशिष्ट रूप select कर के ok button पर क्लिक करने से पेष्ट हो जाता है। इसका dialog box इस प्रकार दिखायी देता है।



Clear (क्लीयर):- इस आपशन को  select करने पर selected text हट जाता है।

Select all (सेलेक्ट आल):- इस आपशन से पूरा document select हो जाता है।

Find (फाइन्ड):- इस आपशन से द्वारा  document के अन्दर किसी विशिष्ट text या  word  को ढूढा जाता हैं।

Replace (रिपलेस):- इस आपशन के जरिये किसी स्पेशल  text  को किसी दूसरे text से Replace कर सकते है।

Goto (गोटू):- इस आपशन की मदद से किसी specified page, line bookmark , comment, footnote & heading पर पहॅुच सकते है।

Microsoft word को शुरू करना।



Starting Msword (msword को शुरू करना)

word_Starting Msword (msword को शुरू करना) स्टार्ट एम एस वर्ड,स्टेटस बार,रूलर बार,फारमैेटिग टुल बार,मेनूबार और टाइटिल बार आदि

Starting Msword (msword को शुरू करना):-

Msword को हम तीन तरीके से open कर सकते है।

(1) start->all program->msword पर mouse का left Button click कर
(2) start -> Run …पर click करने पर एक dialog box open होता है। उसमें name को आगें Box esa winwood type कर ok Botton पर click करने कर
(3) disktop window पर मौजूद msword के  shortcut icon पर click करने पर लेकिन किसी भी तरीके से open करे msword की main window

इस प्रकार दिखेगी जिसका चित्र नीचे दिया गया है।



Title bar (टाइटिल बार):- इस विन्डो में सबसे ऊपर टाइटिल बार होता  है। जिसमें applcation का Logo, document का नाम, application का नाम और तीन control botton  दिखायी देता है।

Menu Bar (मेनूबार):-  इस विन्डो में title bar के नीचे menu bar दिखायी देता है। menu के अन्दर options पाये जाते है। option का प्रयोग कर कम्प्युटर को दिशा निर्देश दिया जाता है। options (commands) को उनके working behavour के अनुसार categorize कर दिया जाता है। जिन्हे मेनू(menu) कहते है

Standard Tool Bar :- यह tool bar menu bar के नीचे होता है इसमें commands icons के रूप में दिखायी देती है जिनको user देख कर अपने अनुसार प्रयोग कर सकता है। इसमें उन commandss को icons के रूप में दिखाया जाता है। जिन्हे user प्रायः use करता है।

जैसे कि new, open, save etc.

Formatting Tool Bar (फारमैेटिग टुल बार):-  यह बार सामान्यतः standard tool bar के नीचे होता है। इसमें document को formatting से सम्बन्धित commands icons के रूप में दी होती हैं जिनको use कर document का appearance  बदल सकते है।

Ruler Bar (रूलर बार):- यह बार format bar से नीचे एवं page के ठीक ऊपर होता है। इसका प्रयोग Tab setting एवं text indentation के लिए प्रयोग करते है।

Status Bar (स्टेटस बार):- यह बार विन्डो के सबसे नीचे स्थिति होता है। यह document की current position को बताता है।

Details Of Menu :- menu के अन्दर commonds  पायी जाती है। जिन्हे options कहते है। options के कार्य प्रकति के अनुसार अलग-अलग menu के नाम से grouping कर दिया जाता है। जैसे कि file menu, edit menu ,
vew menu & insert menu etc.

Microsoft office में tool का प्रयोग कैसे करें।



MS Word : Tools

word_Tools,Spelling And Grammer(स्पेलिंग एण्ड ग्रामर),Word Cound(वर्ड काउन्ट ),Autocorrect(आटो करेक्ट ),Protect Document(प्रोटेक्ट डाकूमेंट),Mail Merge (मेल मर्ज ),Macro(मैकरो )
Tools

Spelling And Grammer(स्पेलिंग एण्ड ग्रामर):- इस आपशन के द्वारा document के अन्दर लिखे गये  text की  spelling जाॅचते है। और ग्रामर mistake भी पता करते है।

Word Cound(वर्ड काउन्ट ):- इस आपशन से  document की पूरी statistics पता करते है। कि कितने paragraph, line & words इत्यादि यह इस तरह से  show करता है।


Autocorrect(आटो करेक्ट ):- यह एक ऐसा आपशन होता है। जिसमें कई word अपने आप सही हो जाता है। word और उनके सही forms  पहले से  set कर दिये जाते है। तो उसके लिखने के बाद enter को प्रेस करने पर या space bar प्रेस करने पर स्वयं सही हो जाते है। उसे  auto correct कहते है। इसका  dialog box इस तरह होता है।

Microsoft office में format का प्रयोग कैसे करे।



MS Word : Format

word_Format(फ़ारमैट मेनू)Font- ,Paragraph- पैराग्राफ,Columns,Change Case(चेन्ज केस),Background(बैंक ग्राउन्ड ),Tabs,Text Direction(टेक्स्ट डायरेक्शन)

Format

Font- फान्ट के माध्यम से स्क्रीन पर  टेक्स्ट को एक स्टइल में लिखा जाता है जो स्क्रीन पर प्रदशित होता है। इससे font name,style & size cदलते है जो डाकुमेंन्ट स्कीन पर दिखता है। इसका  dialog box नीचे दिया गया है ।



Paragraph- पैराग्राफ की माध्यम से पैराग्राफ की फाॅरमेटिंग करते है   फाॅरमैट पैराग्राफ पर क्लिक करते है। तो इसका dialog box इस प्रकार प्रदर्शित होता है।



Columns:-
text को columns में लिखना प्रायः एक फैशन की तरह है। जैसा की न्यूज पेपर में लिखा रहता है। टेक्स्ट लिखने के बाद कालम आपशन मे जाते है। वहाॅ पर एक डाइलाग बाक्स खुल कर आता है जहाॅ से no of columns select
 करतें है। जो इस प्रकार है ।



Change Case(चेन्ज केस):- इससे text का  case बदलते है। जब हम इस आपशन को select  करते है। तो एक  dialog box खुलता है जो नीचे दिखाया गया।



Background(बैंक ग्राउन्ड ):- इससें document का background बदलते है। जिसमे हम कोई color, texture या picture  डाल सकते है। इसका  dialog box नीचे दिया गया है।



Tabs: – document में टेब का प्रयोग साधारण लिस्ट की  Rilatiuely के लिए किया जाता है। टैब का प्रयोग भी  text में alignment set करने के काम आता है। लेकिन by default tab o. s inch सेट हो जाता है। इसमें वैलु लेफट में मार्जिन में सेट होती है।

Text Direction(टेक्स्ट डायरेक्शन):- जो text box document में insert menu से  insert किया जाता है। उसकेs text का direction
बदलने के लिए प्रयोग करते है।

Microsoft office Excel क्या है।



MS Excel क्या है

MS  Excel :-
 MS Excel एम एस आफिस का एक भाग है जिसे  spread sheet package के नाम से जाना जाता है जिसमें  data को  rows और columns में लिखा जाता है और उसके बाद उस पर किसी भी तरह की calculation कर सकते हैं। जैसे कि  mathematical statistical और  financial  इत्यादि।  इसमें data का विश्लेषण कर सकतंे है और उसकी report बना सकते है। इसमें data  का graph  के रूप में प्रदशित कर सकते है।

Microsoft Word की विशेषताऐ।



MS Word : Features (विशेषताऐ)

msword की मुख्य विशेषताऐ क्या है

Features(विशेषताऐ)

msword  की मुख्य विशेषताऐ msword user को ज्यादा क्यो प्रसन्द है क्योकि इसमें काम करना बहुत  आसान है। इसकी कुछ विशेषताए इस प्रकार है।

Web Related Feature(वेब सम्बन्धित विशेषताए) :-

1. web centered document creation(वेब से सम्बन्धित फाइल
बनाना):-
2. document को HTML format में सेव कर सकते हैं। जिसको हम
internet browser से भी देख सकते है।
3. web page wizard (वेब पेज विजार्ड ) इसकी सहायता से आसानी से
और जल्दी से web page बना सकते है।
4. web page preview (वेब पेज प्रीवीव)
इसमें हम web page dk preview देख सकते है कि कैसा Brouser पर
दिखेगा ।
5. hyperlink interface (हापरंिलंक इन्टरफेस): इसके मदद से
दूसरे document या पेज को link कर सकते है। और इस पर click करने
पर वह सम्बन्धित page खुल जाता है।
6. internet connectivity (इन्टरनेट कनेक्टीविटी): इसमें इण्टरनेट से
connection कर सकते है और E-mail बहुत ही आसानी से कर सकते
है।
   Internal Features (आन्तरिक विशेषताए):

1. Language settings (लेंगुएज सेटिग्स) बिना किसी दूसरी क्रिया
को प्रभावित किये user अपनी मन प्रसन्द भाषा का चयन कर सकता
है।
2. Proofing tools (प्रूफिग टूल्स) user अपनी प्रसन्द की कई
भाषाये। software डाल सकता है। और उससे सम्बन्धित spelling &
grammer checking tool भी डाल सकते है।
3. Assign language (एसाइन लैम्पूज): user अपनी मन प्रसन्द
भाषा में काम कर सकते है। जिसको operating system support करे।

  General Features (सामान्य विशेषताऐ)

(1) Office assistant (आफिस असिस्टैंट):- यह help
प्रदान करने का gateway होता है। इसकी सहायता से ms
word से सम्बन्घित किसी भी topic की जानकारी प्राप्त कर
सकते है।
(2) Drawing tools (ड्राइंग टूल्स):-
msword 3D shape बनाने के tools प्रदान करता है।
जिसकी सहायता से हम मनचाही 3D drawing
आसानी से बना सकते है।
(3) Editing & proofing tools (इडीटिगं और प्रूफिगं टूल्स ):-
msword के अन्दर grammatical & seilling   mistake
को सही करने के बहुत ही अच्छे tools उपलब्ध है।
जिसकी सहायाता से हम गलतियो को सुधार सकते है।
(4) template & wizard (टेम्पलेट और विजार्ड) msward के
अन्दर कुछ बने हुए format उपलब्घ होते है। जो user को एक
proper format & style प्रदान कर सकते है। जिसको use कर
user अपने document को सही format प्रदान कर सकते है।
(5) mail merge (मेल मार्ज):
इस tool की मदद से user कम समय कई
correspondance letter तैयार कर सकते है। इसमें letter
document & Record source Document को एक में
(merge) मिला कर कई correspondonce letter तैयार कर
सकते है।

Microsoft Excel में view menu का प्रयोग कैसे करे।


MS Excel : view menu (वीव मेनू)

excel_view menu (वीव मेनू),Formula Bar(फार्मूला बार),Custom View(कस्टम वीव)

view menu (वीव मेनू)

इस मेनूमें  formula bar और custom view के अलावा सभी आपशन वही है। जिनको हमनें msword मे पढा है।

Formula Bar(फार्मूला बार):- इस आपशन से  formula bar प्रदर्शित या गायब किया जाता है।
Custom View(कस्टम वीव):- इस आपशन के द्वारा  sheet के अन्दर किसी portion  का नाम दिया जाता है। और फिर हम उस नाम के माध्यम से उस जगह पर आसानी से पहुच सकते है।

Microsoft Excel में sum formula कैसे प्रयोग करते है।



एम एस एक्सेल में सम फार्मूला सीखें

आज हम बतायेंगे कि excel के sum formula के Use कैसे किया जाये, यह बहुत उपयोगी और सरल formula है -


सबसे पहले Image 1.1 देखिये यहॉ column & Raw को दर्शाया गया है, इन्‍हीं से मिलकर cell बनता है, ms excel में  formulas का प्रयोग करने से पहले याद रखिये कि formula हमेशा cell के लिये लगाया जाता है, उस cell में लिखी संख्‍या से कोई भी हो सकती है।

अगर आपको ms excel में sum formula का प्रयोग करना है तो cell में लिखी संख्‍या पर नहीं cell पर ध्‍यान दीजिये -

For example - अगर आपको a1 से a4 तक के Cells को जोडना है तो a5 या किसी अन्‍य cell में टाइप कीजिये
=SUM(A1:A4) image 1.2 देखिये -



आप अलग-अलग cells को अपनी मर्जी के अनुसार भी चुन सकते हैं - जैसे
=sum(a1+a2+a4) यहॉ हमने Cell  a3 को छोडकर बाकी cell का योग किया है।

Microsoft Excel में menu का प्रयोग कैसे करते है।



MS Excel : menu(मेनू)

excel_File Menu(फाइल मेनू),Print Area(प्रिन्ट एरिया ),Clear Print Area(क्लियर प्रिन्ट एरिय)

Menu(मेनू)

Excel में commands menu में आपशन के रूप में उपलब्ध होती है।  commands की प्रक्रति एवं व्यवहार के अनुसार समूहो में बाॅट दिया जाता है। जैसेः- file menu, edit menu, vew menu. इत्यादि।

File Menu(फाइल मेनू)

Print Area(प्रिन्ट एरिया ):-  इसमें सबसे पहले sheet  का जितना भाग प्रिन्ट करना हो, उतना भाग  select कर लेते है। उसके बाद इस option पर click कर देते है। तो उतना ही भाग प्रिन्ट होता है।

Clear Print Area(क्लियर प्रिन्ट एरिय):- इस आपशन से सेट किया हुआ Print Aria  हटा देते है। जिससे कि पूरी sheet   प्रिन्ट हो सके।

Microsoft Excel में insert menu का प्रयोग कैसे करे।


MS Excel : Insert menu (इन्सर्ट)

excel_INSERT MENU(इन्सर्ट) ,Chart (चार्ट )
INSERT MENU(इन्सर्ट)

Insert menu  के अन्दर अबजेक्ट को पेज में इन्सर्ट करने से सम्बन्धित आपशन होते है।  cell pointer जहाॅ पर होता है। वह नयी cell ,Row, column, worksheet insert  कर सकते है।

Chart (चार्ट ):- किसी भी  Numerical data का  graphical Representation कर सकते है। जैसे कि किसी डाटा का column , bar, pie या Line chart इत्यादि बना सकते है।
  चार्ट बनाने की विधिः-

(1) select the data
(2) insert –> chart पर क्लिक करे



(3) select type of chart from chart wizard
(4) click on next button



(5) Give the name of chart, value of x-axis and value of y-axis and then click next button



(6) select the place where chart placed
1- as new sheet
2- as object in

Microsoft Excel में edit menu का प्रयोग कैसे करे।


MS Excel : Edit Menu(इडिट मेनू)

excel_Edit Menu(इडिट मेनू),paste special(पेस्ट स्पेशल),Fill(फिल),Clear(क्लियर),Delete(डिलीट),Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट),Delete Sheet(डिलीट शीट)

Edit Menu(इडिट मेनू )

paste special(पेस्ट स्पेशल):- जब किसी copy या CUT किये गये  data  को कही दूसरे स्थान पर एक विशिष्ट और उस पर कोई operation के साथ paste करना होता है। तो हम इस option को चुनते है। इसको  select करने पर एक   dialog box खुलता है। जहाॅ से  paste का  form & operation का type चुनते है। इसका dialog box नीचे दिया गया है।



Fill(फिल):- इससे data को Row या column में एक विशिष्ट pattern से fill करने के लिये प्रयोग किया जाता है। इस आपशन के अन्दर कई sub-option होते है। वे इस प्रकार है।


down (डाउन):- इससे  data नीचे की ओर fill होता है।
up(अप):- इससे  data उपर की ओर fill होता है।
Right(राइट):-इससे data दाहिने ओर  fill होता है।
Left(लेफ्ट ):- इससे data बायी ओर  fill होता है।
Series(सीरीज):- इस आपशन पर  click करने से एक नया dialog box खुलता है। जो इस प्रकार है।



जिस  pattern में fill करना होता है। वह  pattern ऊपर दिये गये dialog box से चुन लेते है।

Clear(क्लियर):- इस  option  से selected cell की Information हटायी जाती है। इसके अन्दर निम्न  sub option है।


(1) All(आल): इससे  cell  के अन्दर मौजूद सभी जानकारी हट जाती है।
(2) Format(फार्मेट):- इससे केवल  formatहटाया जाता है।
(3) Contents(कन्टेन्टस):-  इससे content(data) हटाया जाता है।
(4) Comments(कमेन्टस):-इससे comment  हटाया जाता है।

Delete(डिलीट):- इस आपशन से  cell, Row या columnहटाया जाता है। इस पर click करने पर एक dialog box खुलता है। जिसमें से हम एक option select करते है। इसका dialog box इस तरह होता है।



Delete Sheet(डिलीट शीट):- इससे पूरी sheet हट जाती है। A

Move Or Copy Sheet(मूव या कापी शीट):-  इससे पूरी sheet moveया copy  किया जाता है।

Microsoft Excel में Tools menu का प्रयोग कैसे करे।


MS Excel : Tools Menu (टूल्स मेनू)

excel_Tools Menu(टूल्स मेनू) ,Merge Work Book (मर्ज वर्क,बुक),Goal Seek (गोल सींक),Scenario(सीनौरियो ),Auditing (आडिटिंग)

Tools Menu(टूल्स मेनू)

Share workbook
इस option के द्वारा वर्कबुक को नेटवर्क या इन्टरनेट के जरिये बहुत सारे user सूचना प्राप्त कर सकते है।

Merge Work Book (मर्ज वर्कबुक):- इस आपशन के द्वारा एक वर्कबुक में change करने पर दूसरी वर्कबुक में भी change merge  हो जाते है। इस प्रकति को merge  वर्कबुक कहते है।

Goal Seek (गोल सींक):- यह एक  data analysing tool है। जिसके माध्यम से लक्ष्य को प्राप्त करने का सही उपाय खोजा जाता है।
process of goal seek:-

1. place cell pointer of result cell
2. tools-> Goal Seek  पर  click करें।
3. change the value of result cell
4-tell reference of corressponding independent cell

उदाहरण के रूप में:-



ऊपर दी गयी टेबल इन्टरेस्ट  Rs 400/= है। इसे बढा कर Rs 500/= करना चाहते है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिय हम इसके लिये सेल पाॅइन्टर D2 रखेगें और goal seek option  पर क्लिक करेगें तो एक  dialog box खुलेगा
जो इस प्रकार है।



और value 500 लिखेगें और By Reference कालम में $B$2 टाइप करने के बाद ok बटन पर क्लिक करेगें तो रेट लक्ष्य के अनुसार बदल जायंेगा
Scenario(सीनौरियो ):-यह भी एक Analysis tool है। जिसका प्रयोग वहाॅ किया जाता है। जहाॅ पर यह देखना हो कि input data को बदलने पर output पर क्या प्रभाव पडेगा। जैसे कि नीचे दी गयी टेबल में रेट 8 से 9.5 करने से इन्टरेस्ट पर क्या प्रभाव पडेगा।



इसके लिये tools->scenario option पर क्लिक करेगे तो इसका एक dialog box इस तरह खुलेगा



इसमे हमscenario नाम लिखेगे और changing cell में B2 लिख कर ok पर click करेगे



तो यह B2 की value पूछेगा उसमें 9-5 टाइप करेगे और ok button पर click करेगे ।



इसके summary बटन पर click करने से scenario रिर्पोट दिखेगी जिसमे interest बदला हुआ दिखायी देगा।



Auditing (आडिटिंग):- इसके द्वारा cell value की dependency & independency मार्क की जाती है-

Microsoft Excel में Table कैसे बनाते है।



MS Excel : Table बनाना सीखें

Table

Tables (टेबल्स ):- msword में जब कभी हमें data को tabular form में लिखना होता है।  tables का प्रयोग करते है। इससे data को rows & columns में लिखा जाता है। और इसके  data को  format करने से सम्बन्धित commands पाये जाते है। वे इस प्रकार है।

Insert Table (इन्सर्ट-टेबल):- इस option से document  में
table  बनाते है। इसको  select करने पर एक  dialog box खुलता है। जिसमें number of rows & no. of columns select या input कर ok button पर करने पर जहाॅ कर cursor होता है वहाॅ पर table बन जाती है। इसका dialog box इस तरह दिखता है।



Insert- Row (इनसर्ट रो ) इससे  table में एक नई row insert हो जाती है।

Insert-Column (इनसर्ट-कलम):- इससे  table  में एक नया कालम जुड जाता है।

Delete-Table(डिलीट-टेबल):- इससे seleted table document से हट जाती है।

Delete-Rows(डिलीट-रो ):-इससे  selected rowटेबल से हट जाती है।

Delete–Column(डिलीट-कालम):-इस आपशन से slected column टेबल से हट जाता है।

Select-Table(सेलेक्ट-टेबल):- इसके द्वारा टेबल को select किया जाता है।

Select-Row(सेलेक्ट-रो ):-इससे  table के अन्दर उस column  को select हो जाता है। जहाॅ पर  cursor होता है।

Merge-Cells(मर्ज सेल्स ):- इसकी सहायता से दो या दो से अधिक selected cells एक मे मिला दिया जाता है।

Split Cell(स्पिलिट सेल):- इस commond की सहायता से एक  cell में दो या दो से अधिक  cells बनायी जाती है।

Split Table (स्पलिट टेबल): इससे table को कई भागो में बाॅटा जाता है। जहाॅ पर cursor  होता है। वहाॅ से दो भागो में बट जाती है।

Table Autoformat (टेबल आटोफारमेट):- इस आपशन के माध्यम से table को format  किया जाता है। इसके  select  करने पर एक  dialog box display होता है। जहाॅ पर पहले से बने हुए कुछ  format दिखायी देते है। उनमें से  format को select करते है  table उस format  में बदल जाती है। इसको select करने पर  dialog box



Convert (कनवर्टZ):- इस option के द्वारा selected table  को  text में या table को text  में convert किया जाता है।

Sort (सार्ट ):-  इस आपशन से data  को ascanding / descending order में व्यवस्थित किया जाता है।

Formula(फार्मूला ):- इस आपशन के द्वारा  table के अन्दर मौजूद  data कों  row wise / column wise या cell wise गणना करने के लिए कुछ formula(सूत्र ) उपलब्ध होते है। जिनका प्रयोग कर हम गणनाएॅ कर सकते है। इसका dialog box  इस प्रकार होता है।

Microsoft Excel में Data menu का प्रयोग कैसे करते है।


MS Excel : Data Menu

Data Menu एम एस एक्सेल डाटा मेनूहिन्दी मे सीखे sort(सार्ट ),Advance Filter(एडवान्स्ड फिल्टर),Pivote Table(पाइवोट टेबल),Consolidation(कन्सोलिडेशन),Table(टेबल)Auto Filter(आटो फिल्टर)
Data Menu

sort(सार्ट ):- इसके द्वारा डाटा को एक particular कालम के अनुसार ascending या  descending order  में व्यवस्थिति करते है।

Filter(फिल्टर):- इस option को प्रयोग डाटा को ढूढने के लिये किया जाता है। इसके अन्दर दो sub- option  होते है।

(1) Auto Filter
(2) Advance Filter

Auto Filter(आटो फिल्टर):-  इस आपशन का प्रयोग करने से सभी  Header Column में  Combo Box लग जाता है। जिसमें searching tools पाये जाते है। उसमे से  user अपनी जरूरत के अनुसार searching tool  चुनता है। जैसे-

Advance Filter(एडवान्स्ड फिल्टर):- इस option के द्वारा लिस्ट से condition  के अनुसार खोज कर दूसरे स्थान पर  display करते है। इसमे तीन प्रकार की  Range  का प्रयोग होता है।

(1) List Range
(2) Criteria Range
(3) Output Range

(1) List Range (लिस्ट रेन्ज ):-  यह वह रेन्ज होती है। जहाॅ से Records के खोजे जाती है।
(2) Criteria Range(कराइटेरिया रेन्ज ) यह वह range  होती है। जहाॅ पर condition  दी जाती है। इसी condition  के अनुसार लिस्ट रेन्ज से डाटा फिल्टर होता है।
(3) Output Range (आउटपुट रेन्ज ):- यह वह रेन्ज होती है। जहाॅ पर output display होता है। जो  range critera रेन्ज के अनुसार लिस्ट रेन्ज से फिल्टर होते है। वह सभी records  इसी रेन्ज मे प्रिन्ट होता है।

Practicall Approach:-

1 prepare a data list
2 copy header row
3 paste it twice at different location

a. first for criteria range
b. second for output range

   4 set the condition in criteria range for filtering data
   5 set the cell pointer at first cell of list range
   6 select advanced filter option from filter them it  display a dialog box tell criteria range ,output range and  press ok button alter that you will see the filtered records in output range.

Form(फार्म ):- फार्म आपशन से user interface बनाया जाता हैं।जिसकी सहायता से डाटा को व्यवस्थिति किया जाता है। फार्म बनाने के सबसे पहले cell pointer को पहली cell में रखा जाता है। और उसके बाद इस आपशन पर click किया जाता है। जैसे कि नीचे दिया गया है।

subtotal(सबटोटल):- यह आपशन वहाॅ पर प्रयोग किया जाता है। जहाॅ पर एक नाम से कइ्र्र रिकार्ड होते है। और वह financial activities से सम्बन्धित हो। जैसे कि एक कम्पनी में कई सेल्समैन कई item अलग-अलग जगहो पर बेचना है। तो वहाॅ पर हर सेल्समैन का total और Grand total निकालने की जरूरत पडती है। इसके लिए सबसे पहले हमें रिकार्ड की ascending order में sort कर लेते है। उसके बाद लिस्ट के select करिये और इस आपशन पर click करे। जैसे कि नीचे दिया गया है।

Validation(वैलिडेशन):- इस आपशन के द्वारा सीट के अन्दर कार्य पद्वति के नियम स्थापित किये जाते है। जैसे कि हम अपनी कम्पनी के employees को 5000 से कम और 10000 के बीच वेतन देते है तो हम यह चाहते है कि salary column में 5000 से कम और 10000 से ज्यादा की Entry user से न हो जाये तो इसके लिये salary column में validation लगा देगे। जैसे कि नीचे दिया गया है।

Table(टेबल):- इस आपशन का प्रयोग वहाॅ किया जाता है। जहाॅ पर financeial परिणाम जानने हो जैसे कि बैंक से लोन ले तो कितने महीने में किस रेट से, कितनी किस्त अदा करनी पडेगी। इसके लिये एक टेबल बना कर देख लेते है। जैसे कि नीचे दिया गया है।

Consolidation(कन्सोलिडेशन):- इस आपशन का प्रयोग वहाॅ पर किया जाता है। जहाॅ पर दो या दो से अधिक Locations की value का total या awerage निकालना हो। जैसे कि नीचे दिया गया है।

Pivote Table(पाइवोट टेबल):- इस आपशन के द्वारा data sheet की summery report तैयार की जाती है। जिसमें किसी विशिष्ट values को column & row wise total एवं grand total प्राप्त कर सकते है। जैसे कि नीचे दिया गया है।


Microsoft Excel कैसे स्टार्ट करे।



कैसे एक्सेल start करे

Starting MsExcel

start->all programs->msoffice->excel पर क्लिक करने से  excel  की


Work Book :- (वर्क बुक)  यह  Excel  का एक document  होता है इसके अन्दर 255  work sheet होती है  By Default  इसमें तीन sheet  दिखायी देती है।
Spreat sheet (स्प्रेटशीट):-   यह Excel document  के पंेज होते है इसको worksheet भी कहां जाता है यह grid of cells or grid of rows & columns होता है।  इसके अन्दर 65 536 rows और 256 columns  होते है।  जहां पर rows और columns एक दूसरे को  intercept करते है वहां पर एक  rectagle area बनता है जिसे Cell  कहतें है।  Cell excel document का सबसे छोटा एवं महत्वपूर्ण unit है।  जिसमें data  या information store की जाती है और उस पर किसी भी तरह की गणना कर सकते है हर  cell का अपना एक विशिष्ट address या reference no. होता है।  जो columns & rows को sequence में लिखने से प्राप्त होता है।

Cell Reference(सेल रिफेन्स ) :-  हर  cell का अपना एक unique address होता है। जिसके माध्यम से cell  की value  को  access
किया जाता है। यह 4 प्रकार का होता है।

(1) Relative Reference
(2) Absolute Reference
(3) Relative & Absolute Reference
(4) Absolute & Relative Reference

1. Relative Reference(रिलेटिव रिफ्रेन्स ):- यह  Reference column & row  को  sequence में लिखने से प्राप्त  होता है। इसमंें एक  cell  के reference  में दूसरी cell का  reference पहली cell के अनुसार बदल जाता है। इसका प्रयोग करने से गणनाए करने में आसानी एवं जल्दी हो जाती है। यह cell Reference इस प्रकार लिखा जाता है। जैसे :- a2, b2 & c3 इत्यदि
2. Absolute Reference (आब्सोल्यूट रिफ्रेन्स ):- इसमें reference  को doller  के साथ में लिया जाता है। इसमें एक cell का Reference  दूसरे cell  के  Reference में बदलता नहीं है। जैसेः- $a$2 ,$b$2 और  $c$2  इत्यादि

(3) Relative & Absolute Reference(रिलेटिव और अबसोल्युट) :- इसमें  column को रिलेटिव और  Row को  absolute कर दिया जाता है। जिसमें की column दूसरी  cell के Reference  में बदल जाता है। परन्तु row नहीं बदलती है। जैसेः- a$2 & c$3. etc.
4. Ablolute & Relative Reference (अबसोल्युट और रिलेटिव रिफं्रेस):- इसमें column को absolute & Row को  Relative  लिखा जाता है। जिसमें की column fix हो जाता है। और Row बदलती है। जैसेः- $A2, $B2, और $C2  इत्यादि।

Google Search का पॉचवां सीक्रेट और ट्रिक्स।



Google सर्च बार में Askew (तिरछा) शब्‍द लिखकर सर्च कराने से Google होमपेज तिरछा हो जाता है, है ना कमाल।
देखने के लिए यहाँ क्लिक करे।

Google Search का दूसरा सीक्रेट और ट्रिक्स।



Google ने ग्राफ बनाने की सुविधा भी दे रखी है लेकिन जब आप यह कोड sqrt(cos(x))*cos(300x)+sqrt(abs(x))-0.7)*(4-x*x)^0.01, sqrt(6-x^2), -sqrt(6-x^2) from -4.5 to 4.5 Google सर्चबार में डालोगे तो आपको एक heart की आक़ति दिखाई देगी। असल में इस कोड में जो equation दी गयी हैं गूगल ने ग्राफ तो उसी equation के हिसाब से बनाया है लेकिन उसकी आक़ति heart जैसी दिखाई देती है।
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Google Search का तीसरा सीक्रेट और ट्रिक्स।



Google सर्च बार में जब do a barrel roll शब्‍द को लिख कर सर्च बटन पर जैसे क्लिक किया जाता है Google सर्च पेज अचानक ही 360 अंश के कोण पर घूम जाता है, जो वाकई में मजेदार है।
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Google Search का छटवॉ सीक्रेट और ट्रिक्स।



Google सर्च बार में zerg rush शब्‍द लिखकर सर्च कराने से Google होमपेज पर Google शब्‍द का 'oo' पूरे सर्च बार को तहस नहस कर देता है असल में यह एक Game है जो zerg rush को टाइप करने से Google होमपेज पर चलने लगता है।
देखने के लिए यहाँ क्लिक करे।

7 फ्री बेहतरीन डेस्‍कटॉप टू मोबाइल मैसेजिंग सर्विस


       आजकल फोन से बात हो ना हो दोस्‍तों से चैटिंग/मैसेजिंग जरूर होती है, कारण भी स्‍पष्‍ट सा है फोन से बात करने में ज्‍यादा पैसे खर्च होते हैं और चैट या मैसेज करने में बहुत कम आप छोटे से इन्‍टरनेट खर्चे में महीने भर में सेंकडों बार अपने दोस्‍तों से मैसेजिंग या चैटिंग कर करते हैं और जब से एड्राइड आया है तक इस मैसेजिंग एप की बाढ सी आ गयी है। इन्‍टरनेट पर हजारों एप हैं जो आपको इन्‍टरनेट से जरिये अपने दोस्‍तों से जुडने तथा मैसेज भेजने की सु‍विधा प्रदान करती हैं,‍ जिनमें कुछ तो वीडियो कॉलिंग सुविधा भी दे रही हैं।

आपने मोबाइल से मोबाइल पर चैंटिग जरूर की होगी, लेकिन अगर यही एप आपके डेस्‍कटॉप कम्‍प्‍यूटर में हो तो चैटिंग और मैसेजिग करने का अलग ही मजा है, ऐसी ही कुछ मैसेजिंग सर्विस हैं जो डेस्‍कटॉप से मोबाइल फोन पर इन्‍टरनेट के माध्‍यम से चैंटिग और मैसेजिग एप्‍लीकेशन उपलब्‍ध करा रहीं हैं, जिन्‍हें आप फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं तो आईये जानते हैं -

Wechat
वीचैट मोबाइल की दुनिया में जाना पहचाना नाम बन गया है, इसमें Voice Chat के साथ Group Chat, Moments, Free Call, Video Call, Sticker Gallery, Broadcast Messages, Friend Radar, Chat History Backup और Web WeChat जैसी सुविधायें हैं और यह आपके iPhone,  Android, Windows Phone के साथ-साथ Mac और Windows के लिये भी यह सर्विस उपलब्‍ध करा कहे हैं, जिससे आप बडी आसानी से डेस्‍कटॉप से मोबाइल फोन पर चैंटिग कर सकते हैं।

Line
पूरी दुनिया में पॉपूलर होने के बाद लाइन अब भारत में भी काफी लोकप्रिय बन गया है, इससे आप Free Messaging, Free Voice & Video Calls, From photo & video sharing to voice messages जैसे सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं, यह Android, iPhone, BlackBerry, Windows Phone, Nokia Asha, Firefox OS जैसे Mobile OS को सपोर्ट करता है, साथ ही PC में आप Windows 7, Windows 8 और Mac OS के लिये भी आप line को डाउनलोड कर सकते हैं।

Viber
 Android फोन से फ्री इन्‍टरेनट कॉल viber एप्‍लीकेशन एक बेहतरीन एप्‍लीकेशन है, viber से viber  पर आप 2G इन्‍टरनेट कनेक्‍शन पर  बडी आसानी से वाइस कॉल कर सकते हो, साथ ही साथ अन्‍य फोन पर भी आप viber कॉल कर सकते हो, लेकिन इसके लिये आपको चार्ज देना होगा, अब viber  Android के अलावा Windows, Mac और Linux OS के लिये भी उपलब्‍ध है, विण्‍डोज के लिये viber से आप Best-quality HD voice calls, Video calls, Text, photo and sticker messages, Full sync between your mobile and Windows, Transfer ongoing calls between devices जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हो।

Skype
Skype अपने  free phone calls और free Video calls के लिये जाना पहचाना App है, Skype से आप भारत में कहीं भी किसी भी phone पर  free calls कर सकते हो, बस दूसरे व्‍यक्ति के पास भी Skype होना चाहिये, ऐसा नहीं है कि बिना Skype के आप Call नहीं कर सकते हैं, लेकिन उसके लिये आपको Pay करना होगा, इसके लिये Skype की Site पर Rates दिये गये हैं, जो आप स्‍काइप की साइट से पता कर सकते हो। Skype से Computer से Computer, Computer से Phone तथा Phone से Phone पर आसानी से Call कर सकते हैं, बस आपके पास Internet Connection और Skype होना चाहिये।

Facebook chat
Facebook भारत का सबसे Popular Social Network है, हजारों, लाखों लोग रोजाना Facebook का प्रयोग करते हैं, इसी कारण Facebook इसे और Popular बनाने के लिये रोज नये feature जोडता है, ऐसा ही एक feature है Facebook Chat. Facebook Chat से आप अपने डेस्‍कटॉप से सीधे अपने मिञों से चैट कर सकते हैं, इसके लिये आपको अपने Facebook अकाउन्‍ट से लॉगइन करना होगा।

Snapchat
Snapchat की खासियत यह है कि इस पर भेजे जाने वाले मैसेज देखे जाने के कुछ सेकंड के भीतर अपने आप डिलीट हो जाते हैं। अभी हाल ही में Snapchat ने कुछ नये फीचर एड किये है पहले इसमें केवल फोटो-विडियो भेजे जा सकते थे, लेकिन अब टेस्क्ट और विडियो चैट भी किया जा सकता है। अब आप डेस्‍कटॉप से भी Snapchat को यूज कर सकते हैं, बस स्‍नैपचैट यूजर नेम और पासवर्ड डालिये और शुरू हो जाईये।

Tango
एक नई एप है tango। Mobile Drive में यह iOS, Android, Blackberry और Kindle को सपोर्ट करती है, इसके अलावा विण्‍डोज के लिये भी tango का डाउनलोड उपलब्‍ध है। इसके Features की लिस्‍ट भी अच्‍छी खासी है इसमें Messages- 1 to 1 & group chat, Video & Voice Calls- High quality voice & video calls on 3G, 4G, & Wi-Fi के अलावा Find New Friends, Photo Sharing, Animated Surprises- Personalize your calls & messages with fun animations जैसी यूनिक सुविधायें है।

महत्त्वपूर्ण एवं फ्री और काम के 7 ऑनलाइन PC सॉफ्टवेयर जो बनाये काम एकदम आसान।


       हर अच्छी चीज महंगी हो, यह जरूरी नहीं। सॉफ्टवेयर के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। यह सही है कि कुछ अच्छे और काम के सॉफ्टवेयर महंगे होते हैं, लेकिन सच यह भी है कि इंटरनेट की दुनिया में आपके काम के बहुत सारे सॉफ्टवेयर या ऐप एकदम फ्री उपलब्ध होते हैं।

prezi
       अपने दोस्त-यार के स्लाइड शो को देख कर जलन होती है, तो यह ऑनलाइन सॉफ्टवेयर आपके लिए है। इसकी मदद से आप टेक्स्ट, इमेज, विडियो आदि को आप एक साथ प्रजेंट कर सकते हैं। चूंकि यह ऑनलाइन सर्विस है, तो खुद का फ्री अकाउंट बनाकर आप इंटरनेट से यूट्यूब क्लिप या इमेज को भी स्लाइड शो में डाल सकते हैं। यहां अपना ऑनलाइन बायो-डाटा भी शेयर कर सकते हैं।

soundation
      म्यूजिक मेकिंग से जुड़े सॉफ्टवेयर अब तक बहुत महंगे आते थे। साउंडेशन की मदद से अब आम इंसान भी खुद का म्यूजिक कंपोज कर सकता है। बस अपना फ्री अकाउंट बनाएं और आपको मिलेगा 100 एमबी स्टोरेज के साथ-साथ मिक्सर, इफेक्ट्स और 700 से भी ज्यादा लूप। बस कीजिए अपने डिजिटल ऑडियो वर्कस्टेशन से म्यूजिक कंपोज और बन जाइए प्रोफ़ेशनल!

picfull
       फोटो एडिटिंग सॉफ्टवेयर की जानकारी नहीं है! इसलिए फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स पर अच्छी क्वॉलिटी की इमेज नहीं अपलोड कर पाते? पिकफुल आप जैसों के लिए ही है। इसके माध्यम से आप अपने फोटो को 20 से भी ज्यादा फोटो इफेक्ट्स से एडिट कर पाएंगे। बस अपने कंप्यूटर से मनचाहे फोटो को उठाएं और जो भी फिल्टर पसंद आए, उसका यूज करें। आप एडिटेड फोटो को डायरेक्ट यहां से ही मेल, फेसबुक या ट्विटर पर भी डाल सकते हैं।

primadesk
        इतने सारे मेल, सोशल साइट्स, ऑनलाइन सर्विसेज-डॉक्युमेंट्स! उफ्फ! कितना कठिन है न मैनेज करना! इससे भी अधिक दिक्कत होती है, इन सब के डेटा का बैक-अप रखने में। प्राइमडेस्क देता है आपको इस झंझट से मुक्ति। इसका फ्री अकाउंट 1 जीबी स्टोरेज की सुविधा तो देता ही है, साथ ही किसी भी 5 ऑनलाइन सर्विसेज के बैक-अप की आजादी भी देता है।

convertfiles
       विडियो है पर चल नहीं रहा है, ऑडियो है पर सुन नहीं पा रहे हैं। ऐसा तब होता है जब फाइल फॉर्मेट सपोर्ट नहीं करता। कंवर्ट फाइल्स एक ऐसी फ्री ऑनलाइन सर्विस है, जो ऑडियो, विडियो, डॉक्युमेंट्स, प्रजेंटेशन या आर्काइव फाइल्स को आपके मनचाहे फॉर्मेट में बदल देता है। कंवर्ट फाइल्स 335 फॉर्मेट कंवर्जन को सपोर्ट करता है।

netvibes
        पसंदीदा साइट्स को बुकमार्क करते तो हैं, लेकिन सब को देखने के लिए कितने टैब्स खोलें? यह एक समस्या है। नेटवाइब्स आपको इस झंझट से छुटकारा देता है। जो भी साइट आपको पसंद है, उसका आरएसएस लिंक दीजिए और उस साइट का विजेट तैयार! इसके अलावा आप टेक, स्पोर्ट्स, बिजनेस आदि का टैब भी बना सकते हैं और उसमें विजेट्स को कस्टमाइज कर सकते हैं।

ifttt
      इंस्टाग्राम फोटो को फ्लिकर और ड्रॉपबॉक्स में डाल कर बैक-अप बनाकर परेशान हैं? अगर हां, तो आइएफटीटीटी आपके लिए है। आपके बहुत सारे ऑनलाइन टास्क को यह ऑटोमैटिक करता है और आपका समय बचाता है।

नये Life Partners एवं Girlfriend तलाशने में मदद करते हैं ये ऐप्स।


     दिल टूटा है? प्यार ढूंढ रहे हैं? ऐसे समय में आपका स्मार्टफोन या लैपटॉप आपके काम आ सकता है। पुरानी कहानियों में क्यूपिड या कामदेव के तीर किसी के दिल में दूसरों के लिए आकर्षण जगाते थे। नए दौर में यह काम टेक्नॉलजी ने संभाल लिया है। आज कई ऐप और वेबसाइट्स हैं जो किसी 'खास' की तलाश में जुटे आशिकों के लिए ही बने हैं।

कई नए खिलाड़ी दिल की जमीन पर फायदे का बिजनस खड़ा कर रहे हैं। इन बिजनस का जोर लोगों को सच्चा साथी खोजने या ब्रेकअप से उबरने में मदद करना है। ये नए वेंचर्स करीब रहने वाले सिंगल लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने के साथ ही यह भी सुनिश्चित करते हैं कि अवांछित लोग उन्हें परेशान न करें। अगर बात नहीं बनी तो दिल के घाव पर मरहम का भी इंतजाम है।

क्रश
इस साल वैलंटाइंस डे पर लॉन्च हुए ऐप 'क्रश' के को-फाउंडर रजत राव का कहना है कि उन्हें यह ऐप लाने की प्रेरणा अपने ही अनुभवों से मिली। राव का कहना है कि अपने दोस्तों से उनकी पहचान वाली लड़कियों से मुलाकात कराने को कहना बेहद मुश्किल होता था। बेंगलुरु के राव परड्यू यूनिवर्सिटी से पढ़े हैं। क्रश में यूजर अपनी सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल के जरिए लॉग-इन कर सकते हैं।

टिंडर
टिंडर में भी लोग सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल के जरिए लॉग-इन करते हैं। कैलिफॉर्निया के जस्टिन मटीन और सॉन रैड का यह ऐप सिंगल्स को 100 किमी के दायरे में साथी खोजने में मदद करता है। अगर दो लोग एक-दूसरे के प्रति रुचि दिखाते हैं तो यह ऐप दोनों की मुलाकात करा देता है।

फ्लो
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया में काम कर चुके सिद्धार्थ ने सिंगल्स नेटवर्क फ्लो शुरू किया है। सिद्धार्थ को यह आइडिया पांच साल पहले आया जब वह अपनी होने वाली पत्नी से पहली बार एक पनीर टेस्ट करने की एक वर्कशॉप में मिले। उनका मानना है कि लोग एक जैसी रुचियों के कारण ही साथ आते हैं। तीन साल पुरानी उनकी कंपनी वीकेंड इवेंट्स ऑर्गनाइज करती है और सिंगल युवाओं के लिए डिनर अरेंज करती है। पिछले साल इसकी कमाई 1.2 करोड़ रुपये के करीब है। पिछले तीन साल में फ्लो के जरिए मिले 40 कपल्स की शादियां हुई हैं।

ट्रूली मैडली
हितेश धींगरा ने 2012 में ट्रूली मैडली की स्थापना की थी जो एक अलगोरिदम के जरिए लोगों को मैच करता है। इसके सेफ्टी फीचर में इससे कोई ऐसा शख्स नहीं जुड़ सकता जिसका फेसबुक स्टेटस मैरिड हो और जिसके 50 से कम फ्रेंड हों। इस साल वैलंटाइंस डे पर लॉन्च हुई इस साइट से अब तक 5000 लोग जुड़े चुके हैं।

ब्रेकअप ऑनलाइन डॉट कॉम
इतने काम के ऐप्स और साइट्स के बाद भी बात न बने तो भी घबराएं नहीं। ऐसे लोगों के लिए ब्रेकअप हेल्पलाइन डॉट कॉम है। यह एक ऐसी हेल्पलाइन है जो टूटे दिल वालों के लिए कई सेवाएं मुहैया कराती है। इसमें ऐसे दिलजलों को फूल, गिफ्ट और नोट्स भेजना, फिल्मों के टिकट दिलाना शामिल है। साथ ही इसमें दिन भर बात करने के लिए एक शख्स की भी सर्विस मिलती है। इस स्टार्टअप के पीछे भी निजी एक्सीपीरियंस का अहम रोल है। ब्रेकअप से गुजर रहे अंकित अनुभव को जब गम बांटने को कोई नहीं मिला तो उन्हें यह सर्विस शुरू करने का आइडिया आया।

जाने windows के default software और उनके अलग-अलग काम।




जब कंप्यूटर मे ओपरेटिंग सिस्टम के तौर पर विन्डोज़ को लोड किया जाता है तो उसके साथ काम करने के लिए आवश्यक सोफ्टवेयर खुद ब् खुद लोड हो जाता है वहीँ विन्डोज़ का आन्तरिक एप्लिकेशन (सोफ्टवेयर) कहलाता है और जो सोफ्टवेयर विंडोज के लोड हो जाने के बाद अलग से किसी अन्य माध्यम से कंप्यूटर मे डाला जाता हैं उसे बाह्य एप्लिकेशन (सोफ्टवेयर) कहा जाता हैं.
आन्तरिक एप्लिकेशन के उदाहरण के लिए

MS-PAINT*                      - इस एप्लिकेशन का उपयोग चित्र बनाने के लिए किया जाता हैं.

CALCULATOR*               – अंकीय जोड़-घटा करने के लिए कैलकुलेटर का उपयोग किया जाता हैं.

INTERNET EXPLORER*        – इंटरनेट पर काम करने के लिए इस सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाता हैं.

WINDOWS MULTIMEDIA*     – गाना-विडियो सुनने और देखने के लिए इस सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाता हैं.

WINDOWS MOVIE MAKER*    – विडियो मे कुछ फेर बदल करने के लिए या जोड़ने आदि के लिए इस सॉफ्टवेर का उपयोग किया जाता हैं.

NOTEPAD*                  – यह एक टेक्स्ट एडिटर प्रोग्राम होता हैं, अर्थात इसके अंतर्गत लिखने आदि का काम होता हैं. यह प्रोग्राम दिखाने मे जितना साधारण लगता है उससे बहुत ज्यादा शक्तिशाली प्रोग्राम होता है. एसा कोई भी कंप्यूटर भाषा जिसे कमपईल करने की आवश्कता नहीं होती उसे नोटपेड पर लिखा जा सकता है जैसे                  HTML – (Hyper Text Markup Language*)
WORDPAD*                                       – यह भी एक टेक्स्ट एडिटर प्रोग्राम है जिसके अंतर्गत हम कोई पत्र या शब्दों से संबन्धित किसी काम को सम्पादित कर सकते हैं. इसके प्रयोग से हम साधारण टाइप राइटर्स की तुलना मे कहीं अच्छे तरीके से लिखने का काम कर सकते है.

बाह्य एप्लिकेशन के उदाहरण के लिए
MS OFFICE*                                       – यह एक बहुत उपयोगी प्रोग्राम का बण्डल है जिसके अंतर्गत लिखनेवाला काम तो होता ही है साथ ही साथ स्प्रेडशीट्स और प्रेसेंटेशन का भी काम होता हैं. स्प्रेडशीट्स का मतलब हुआ एक प्रकार का व्यापारिक लिखा जोखा वाला काम और प्रेसेंटेशन का मतलब हुआ लिखे हुए काम को दूसरों के पास दिखलाने का तरीका.
OUTLOOK*           – इस सोफ्टवेयर का प्रयोग इंटरनेट से मेल भेजने या मंगवाने के लिए किया जाता हैं. इसमें एक बार मेल आने के बाद पुनः उसे पढ़ने के लिए इन्टरनेट कनेक्शन की अवश्यकता नहीं होती.


PHOTOSHOP*        – चित्र से सम्बंधित वृहत काम के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

COREL DRAW*        – लोगो डिजाइन से सम्बंधित काम के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

FLASH*              – चलंत चित्र (Animation) बनाने के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

PAGE MAKER*        – पत्र डिजाइन से सम्बंधित काम के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

.NET*                – स्वयं का अलग काम करने के लिए प्रयुक्त होने वाले प्रोग्राम को बनाने के लिए से सम्बंधित काम के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं.

ORACLE       *             – डाटाबेस के लिए इस सोफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता हैं. डाटाबेस का अर्थ हुआ एसी जगह जहाँ हम अपने डाटा को सुसज्जित तरीके से पुनः प्रयोग मे लाने के लिए रखते हैं. जैसे अगर हमे किसी विद्यार्थी का डाटा रखना है तो उससे जुड़ी बहुत सी जानकारी रखना होता है जैसे उसका नाम, क्लास, पिता का नाम, घर का पता इत्यादि.
नोट- जहां जहां * हैं उसका मतलब हैं की हम उसकी चर्चा आगे बहुत विस्तार से करेंगे.

अपने मोबाइल फोन को बनाइये अपना माउस।


      अलग से माउस कैरी करना मुसीबत लगता है? तो आप अपने मोबाइल फोन को ही माउस की तरह यूज कर सकते हैं।

जी हां, रिमोट माउस नाम के ऐप के जरिये आप अपने आईफोन या ऐंड्रॉयड फोन को एक माउस में तब्दील कर सकते हैं। यानी अपने मोबाइल फोन से अपने कम्प्यूटर या लैपटॉप को कंट्रोल कर सकते हैं।

इसके लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। इस ऐप को अपने फोन में इन्स्टॉल करें। ऐप को डाउनलोड करने के बाद www.remotemouse.net पर जाएं और अपने लैपटॉप/मैक/डेस्कटॉप पर रिमोट माउस सर्वर इन्स्टॉल करें और एक ही वाई-फाई नेटवर्क से अपने लैपटॉप और फोन को कनेक्ट करें। जब मोबाइल ऐप आपका कम्प्यूटर स्कैन कर ले, तो उसे कनेक्ट कर लें। बस, हो गया।

इसके अलावा भी रिमोट माउस ऐप्स कई सारे फीचर्स देता है। आप न सिर्फ इस ऐप के जरिये अपने फोन को माउस में, बल्कि टचपैड या की-बोर्ड में भी बदल सकते हैं। इस ऐप के जरिये आप फोन को रिमोट की तरह यूज करते हुए कम्प्यूटर या लैपटॉप पर विडियो भी प्ले/पॉज़/रिवाइंड/फॉरवर्ड कर सकते हैं।

www.remotemouse.net पर जाकर आप इस ऐप को अपने ऐंड्रॉयड या आईओएस डिवाइस के लिए डाउनलोड कर सकते हैं।

Tricks:- इस apps से बनाये अपने mobile को wireless mouse और दूर बैठे oprate करे अपने कंप्यूटर को।



सर्दी के मौसम में Wireless Mouse का मजा अलग ही है, अगर आप रात में Computer पर कोई Movie देख रहे हैं और आपको अचानक Pause करना पडे या Volume कम या ज्यादा करना हो या Computer बन्द करना हो, अगर आपके पास Wireless Mouse है तो यह सारे काम एक Remote Control की तरह आसानी से हो जायेगें, लेकिन अगर नहीं तो बैड से उठना ही पडेगा, जो सर्दी में बहुत खराब लगता है, लेकिन अगर आपके पास android Phone है तो आप Absolutely Free बिना एक पैसा खर्च किये आसानी से उसे wireless mouse में बदल सकते हैं, आइये जानते हैं कैसे -
आपको अपने android Phone को Wireless mouse में बदलने के लिये अपने Computer और android Phone में Android Mouse and Keyboard Apps Download करना होगा। यह Apps android Phone के लिये आप Google Play Store से Download कर सकते हैं तथा Computer के लिये आप Android Mouse की Site से Download कर सकते हैं।
Computer में जब आप Android Mouse and Keyboard Apps करायेगें तो यहॉ आपको IP Address दिखाई देगा, यह हर Computer का अलग होता है। सब इसे नोट कर लीजिये।
अब अपने android Phone में इस Apps को रन कीजिये।
यहॉ आपको App ओपन करते ही Wi-Fi and Bluetooth का Option आयेगा, यहॉ Wi-Fi को सलैक्ट कर अपने Computer से नोट की गयी IP Address को Type कर दीजिये और Connect कर दीजिये, बन गया आपका android Phone एक wireless mouse वह भी Absolutely Free

Tricks:- Google Home टूटकर सब नीचे गिर जायेगा।



Google का बारहवॉ सीक्रेट और ट्रिक्स हैं Google Gravity (गूगल ग्रेविटी) यहॉ क्लिक करके आप इसको देख सकते हैं, जैसा नाम वैसा ही काम, का होम पेज की सारी सामग्री धडाम से नीचे गिर जाती है, और तो और आप इसी स्थिति में सर्च भी करा सकते हैं, सर्च होने वाली सामग्री भी उपर से नीचे ही गिरती रहती हैं, यह काफी रोचक है।
इस ट्रिक को देखने के लिए यहाँ क्लिक करे।

Tricks :- Google Search से कभी भी किसी भी देश का Sunrise & Sunset - सूर्योदय और सूर्यास्त जाने



गूगल से आप किसी भी देश के सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भी अासानी से पता कर सकते हैं, बस सूर्योदय के लिये Sunrise के साथ देश का नाम और सूर्यास्त के लिये Sunset और देश का नाम टाइप कर एंटर कीजिये

Trick:- गूगल क्रोम में बिना इंटरनेट गेम खेलिये।


   ब्राउज़र का नाम आते ही सर्च, ईमेल, चैटिंग, इंटरनेट जैसे शब्‍द दिमाग में आते हैं और यह सभी तब जब अापके पास इंटरनेट सुविधा हो। लेकिन अब यह ब्राउज़र इंटरनेट के बिना भी बहुत कुछ कर सकते है, जैसे फायरफॉक्स ब्राउज़र में आप वीडियो प्‍ले कर सकते हैं और वीडियो का स्‍नेपशॉट भी ले सकते हैं, उसी तरह गूगल क्रोम ब्राउजर में भी एक गेम छुपा है, लेकिन यह तभी आपके सामने आता है जब आपका इंटरनेट न चल रहा हो -

आपने देखा होगा जब अापका नेट नहीं चल रहा हाेता है तो आपके क्रोम ब्राउजर में एक छोटा सा डायनासोर दिखाई देता हैं। असल में यह एक गेम है

इसे ख्‍ोलने के लिये कुछ ज्‍यादा नहीं करना है, बस अपने की-बोर्ड का स्‍पेस बार दबाईये और शुरू हो जाईये

Trick:- अपनी आवाज खुद रिकॉर्ड तथा एडिट करें इस बेहतरीन सॉफ्टवेयर से।


      यूँ तो यह जानकारी काफी सामान्य है, फिर भी अभी भी कुछ लोग ऑडियो रिकोर्ड करने के लिए या तो विंडोज के साउंड रिकॉर्डर का प्रयोग करते हैं, या फिर किसी अच्छे साउंड रिकॉर्डर की तलाश में इंटरनेट खंगालते रहते हैं। मेरे इस लेख को पढ़ने के बाद आपकी यह तलाश खत्म हो जानी चाहिए :)

साउंड रिकॉर्ड करने के लिए सबसे अच्छे मुफ्त तथा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का नाम है 'औडासिटी'। औडासिटी की मदद से आप ना सिर्फ ऑडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं बल्कि उसको एडिट भी कर सकते हैं। यदि आप एक से ज्यादा ऑडियो फाइल को मिक्स करना चाहते हैं तो आप इस सॉफ्टवेयर की सहायता से यह भी बहुत आसानी से कर सकते हैं। यह सॉफ्टवेयर आपको हर वह सुविधा देता है जो आपको किसी प्रोफेशनल सॉफ्टवेयर में मिलती हैं।

औड़ासिटी सभी ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे कि विंडोज, लाइनक्स, मैक ओ.एस. एक्स. पर बखूबी काम करता है। औड़ासिटी  की कुछ खूबियां मैंने नीचे दीं हैं-

माइक्रोफोन, लाइन-इनपुट या यू.एस.बी. किसी भी तरह की डिवाइस से आप साउंड रिकॉर्ड कर सकते हैं।
आप एक से ज्यादा इनपुट से एक साथ साउंड रिकॉर्ड कर सकते हैं और एक से ज्यादा आउटपुट डिवाइस पर इस साउंड को भेज सकते हैं।
किसी ऑडियो ट्रैक पर आप दूसरा साउंड रिकॉर्ड कर सकते हैं जिससे मल्टी-ट्रैक रिकॉर्डिंग संभव है।
बहुत ऊंचे सैम्पल रेट पर भी साउंड को रिकॉर्ड किया जा सकता है, पर उसके लिए आपको सही हार्डवेयर का प्रयोग करना होगा।
लेवल मॉनीटर की सहायता से आप साउंड रिकॉर्ड करने से पहले, रिकॉर्ड करने के दौरान तथा बाद में आप साउंड के लेवल पर नजर रख सकते हैं।
क्लिपिंग वेबफॉर्म में दिखाई देती है।
आप लगभग सभी साउंड फोर्मेट को इम्पोर्ट तथा एक्सपोर्ट कर सकते हैं।
ऑडियो फ़ाइल में कई प्रकार के इफेक्ट जोड़े जा सकते हैं।
ऑडियो की पिच, फ्रीक्वेंसी तथा गति में बदलाब किया जा सकता है।
अंतिम खूबी तो यही है कि इसके सोर्स कोड को डाउनलोड किया जा सकता है तथा उसमें अपेक्षित बदलाब किये जा सकते हैं।

7 फ्री बेहतरीन डेस्‍कटॉप टू मोबाइल मैसेजिंग सर्विस


       आजकल फोन से बात हो ना हो दोस्‍तों से चैटिंग/मैसेजिंग जरूर होती है, कारण भी स्‍पष्‍ट सा है फोन से बात करने में ज्‍यादा पैसे खर्च होते हैं और चैट या मैसेज करने में बहुत कम आप छोटे से इन्‍टरनेट खर्चे में महीने भर में सेंकडों बार अपने दोस्‍तों से मैसेजिंग या चैटिंग कर करते हैं और जब से एड्राइड आया है तक इस मैसेजिंग एप की बाढ सी आ गयी है। इन्‍टरनेट पर हजारों एप हैं जो आपको इन्‍टरनेट से जरिये अपने दोस्‍तों से जुडने तथा मैसेज भेजने की सु‍विधा प्रदान करती हैं,‍ जिनमें कुछ तो वीडियो कॉलिंग सुविधा भी दे रही हैं।

आपने मोबाइल से मोबाइल पर चैंटिग जरूर की होगी, लेकिन अगर यही एप आपके डेस्‍कटॉप कम्‍प्‍यूटर में हो तो चैटिंग और मैसेजिग करने का अलग ही मजा है, ऐसी ही कुछ मैसेजिंग सर्विस हैं जो डेस्‍कटॉप से मोबाइल फोन पर इन्‍टरनेट के माध्‍यम से चैंटिग और मैसेजिग एप्‍लीकेशन उपलब्‍ध करा रहीं हैं, जिन्‍हें आप फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं तो आईये जानते हैं -

Wechat
वीचैट मोबाइल की दुनिया में जाना पहचाना नाम बन गया है, इसमें Voice Chat के साथ Group Chat, Moments, Free Call, Video Call, Sticker Gallery, Broadcast Messages, Friend Radar, Chat History Backup और Web WeChat जैसी सुविधायें हैं और यह आपके iPhone,  Android, Windows Phone के साथ-साथ Mac और Windows के लिये भी यह सर्विस उपलब्‍ध करा कहे हैं, जिससे आप बडी आसानी से डेस्‍कटॉप से मोबाइल फोन पर चैंटिग कर सकते हैं।

Line
पूरी दुनिया में पॉपूलर होने के बाद लाइन अब भारत में भी काफी लोकप्रिय बन गया है, इससे आप Free Messaging, Free Voice & Video Calls, From photo & video sharing to voice messages जैसे सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं, यह Android, iPhone, BlackBerry, Windows Phone, Nokia Asha, Firefox OS जैसे Mobile OS को सपोर्ट करता है, साथ ही PC में आप Windows 7, Windows 8 और Mac OS के लिये भी आप line को डाउनलोड कर सकते हैं।

Viber
 Android फोन से फ्री इन्‍टरेनट कॉल viber एप्‍लीकेशन एक बेहतरीन एप्‍लीकेशन है, viber से viber  पर आप 2G इन्‍टरनेट कनेक्‍शन पर  बडी आसानी से वाइस कॉल कर सकते हो, साथ ही साथ अन्‍य फोन पर भी आप viber कॉल कर सकते हो, लेकिन इसके लिये आपको चार्ज देना होगा, अब viber  Android के अलावा Windows, Mac और Linux OS के लिये भी उपलब्‍ध है, विण्‍डोज के लिये viber से आप Best-quality HD voice calls, Video calls, Text, photo and sticker messages, Full sync between your mobile and Windows, Transfer ongoing calls between devices जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हो।

Skype
Skype अपने  free phone calls और free Video calls के लिये जाना पहचाना App है, Skype से आप भारत में कहीं भी किसी भी phone पर  free calls कर सकते हो, बस दूसरे व्‍यक्ति के पास भी Skype होना चाहिये, ऐसा नहीं है कि बिना Skype के आप Call नहीं कर सकते हैं, लेकिन उसके लिये आपको Pay करना होगा, इसके लिये Skype की Site पर Rates दिये गये हैं, जो आप स्‍काइप की साइट से पता कर सकते हो। Skype से Computer से Computer, Computer से Phone तथा Phone से Phone पर आसानी से Call कर सकते हैं, बस आपके पास Internet Connection और Skype होना चाहिये।

Facebook chat
Facebook भारत का सबसे Popular Social Network है, हजारों, लाखों लोग रोजाना Facebook का प्रयोग करते हैं, इसी कारण Facebook इसे और Popular बनाने के लिये रोज नये feature जोडता है, ऐसा ही एक feature है Facebook Chat. Facebook Chat से आप अपने डेस्‍कटॉप से सीधे अपने मिञों से चैट कर सकते हैं, इसके लिये आपको अपने Facebook अकाउन्‍ट से लॉगइन करना होगा।

Snapchat
Snapchat की खासियत यह है कि इस पर भेजे जाने वाले मैसेज देखे जाने के कुछ सेकंड के भीतर अपने आप डिलीट हो जाते हैं। अभी हाल ही में Snapchat ने कुछ नये फीचर एड किये है पहले इसमें केवल फोटो-विडियो भेजे जा सकते थे, लेकिन अब टेस्क्ट और विडियो चैट भी किया जा सकता है। अब आप डेस्‍कटॉप से भी Snapchat को यूज कर सकते हैं, बस स्‍नैपचैट यूजर नेम और पासवर्ड डालिये और शुरू हो जाईये।

Tango
एक नई एप है tango। Mobile Drive में यह iOS, Android, Blackberry और Kindle को सपोर्ट करती है, इसके अलावा विण्‍डोज के लिये भी tango का डाउनलोड उपलब्‍ध है। इसके Features की लिस्‍ट भी अच्‍छी खासी है इसमें Messages- 1 to 1 & group chat, Video & Voice Calls- High quality voice & video calls on 3G, 4G, & Wi-Fi के अलावा Find New Friends, Photo Sharing, Animated Surprises- Personalize your calls & messages with fun animations जैसी यूनिक सुविधायें है।

मार्गदर्शन:-कैसे करे एयरहोस्टेस की तैयारी। एयरहोस्टेस कैसे बने।



परिचय

एयर होस्टेस या केबिन क्रू की मुख्य जिम्मेदारी होती है कि हवाई यात्रा के दौरान किस तरह यात्रियों की यात्रा को सुखद बनाया जाए। लड़कियों के अलावा यहां लड़कों के लिए भी मौके हैं, जिन्हें फ्लाइट पर्सर कहा जाता है।

ट्रेनिंग प्रोग्राम

ट्रेनिंग के तहत 3 महीने, 6 महीने या 1 साल के डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स शामिल हैं। कुछ संस्थानों में एविएशन ऐंड हॉस्पिटैलिटी में एक वर्षीय पाठक्रम उपलब्ध है। एयर होस्टेस ट्रेनिंग प्रोगाम के तहत सामान्य तकनीकी पक्षों और नियम-कायदों के अलावा पर्सनैलिटी डेवलपमेंट पर काफी बल दिया जाता है। डिगरी मिलने के बाद नौकरी के लिए विभिन्न एयरलाइंस द्वारा आयोजित लिखित परीक्षा (वैकल्पिक) से होकर गुजरना पड़ता है।

मार्गदर्शन - कैसे करें Fashion Designing की प्रवेश परीक्षा की तैयारी?


योग्यता

एयर होस्टेस बनने के लिए उम्मीदवारों को 12वीं उत्तीर्ण या ग्रेजुएट होना चाहिए। एयर होस्टेस बनने के लिए आयु सीमा 25 वर्ष से कम होनी चाहिए, जबकि कद कम से कम 5 फीट 2 इंच होना चाहिए। लड़कों का कद 5 फीट 7 इंच होना चाहिए। वजन भी कद के अनुसार होना चाहिए। आंखों की रोशनी 6/6 होनी चाहिए। अविवाहित होना भी जरूरी है। राष्ट्रीय भाषा के अलावा अंग्रेजी का ज्ञान भी आवश्यक है।

विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलजों में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई होती है, जो बैचलर स्तर की होती है। यहां दाखिला लेने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री तथा मैथमेटिक्स में 60 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं या समकक्ष परीक्षा पास होना जरूरी है। कोर्स की अवधि 4 वर्ष होती है। ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) के माध्यम से विभिन्न आईआईटी संस्थानों में प्रवेश मिलता है। इसके अलावा अन्य संस्थान अपनी-अपनी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं।

कुछ संस्थान

इंदिरा गांधी इंस्टीटूट ऑफ एयरोनॉटिक्स, चंडीगढ़ व अन्य केंद्र
एयर होस्टेस ट्रेनिंग इंस्टीटूट, नई दिल्ली
किंगफिशर ट्रेनिंग एकेडमी, मुंबई
फ्रैंकफिन इंस्टीटूट ऑफ एयर होस्टेस ट्रेनिंग, नई दिल्ली

एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग

विमानों के रख-रखाव और मरम्मत के लिए एयरोनॉटिकल इंजीनियरों की जरूरत पड़ती है।

पाठक्रम का स्वरूप

एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विमान के विभिन्न कलपुर्जों और साथ ही उनकी बनावट के बारे में जानकारी दी जाती है। उड़ान भरने की क्षमता, विमान की गति, ईंधन आदि विषयों का ज्ञान भी इसके तहत दिया जाता है।

एयरोनॉटिकल सोसाइटी

छात्र एयरोनॉटिक सोसाइटी ऑफ इंडिया की परीक्षा देकर भी इस क्षेत्र में कैरियर बना सकते हैं। सोसाइटी द्वारा ही उनकी इंडस्ट्रियल टे्रनिंग की व्यवस्था की जाती है। इसके एसोसिएट सदस्य गेट (ग्रेजुएट एप्टीटूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) जैसी परीक्षा में भाग लेकर एमई/एमटेक आदि कोर्स कर सकते हैं।

मुख्य संस्था

आईआईटी, कानपुर, मुंबई, खड़गपुर
इंडियन इंस्टीटूट ऑफ एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, देहरादून
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़,
एयरपोर्ट और एयरलाइन एजेंसियों के लगातार होते विस्तार के कारण इसके मैनेजमेंट से संबंधित प्रोफेशनल्स की भी बड़ी संख्या में जरूरत बनी रहती है। इसके तहत कस्टमर केयर, टिकटिंग, फ्रंट ऑफिस, हॉस्पिटैलिटी, ट्रैवल ऐंड टूरिज्म, सिक्योरिटी, फैसिलिटी मैनेजमेंट आदि क्षेत्र आते हैं।

योग्यता और कोर्स

एयरपोर्ट मैनेजमेंट से संबंधित विभिन्न कोर्स उपलब्ध हैं, जिसके लिए कुछ संस्थान शैक्षणिक योग्यता 12वीं मानते है, जबकि कुछ ग्रेजुएशन। इसमें डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा दोनों ही तरह के कोर्सेज उपलब्ध हैं।

एयरपोर्ट मैनेजमेंट से जुड़ा कोई पाठक्रम करके छात्र एयरलाइंस, टिकटिंग सेंटर, होटल, ट्रैवल एजेंसी, एयरपोर्ट, टूरिस्ट सेंटर आदि जगहों पर जॉब पा सकते हैं।

मार्गदर्शन:- समुद्री इंजीनियरी में रोजगार की संभावनाएं। कैसे और कहा से करे तैयारी।



   पृथ्वी की सतह का तीन-चौथाई हिस्सा पानी से घिरा है और यही कारण है कि समुद्री इंजीनियरी उन व्यक्तियों के लिए बहुत उत्तेजक और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है जो समुद्र के प्रति उत्कट हैं तथा यंत्रों के साथ कार्य करने के शौकीन हैं। हालांकि तुलनात्मक दृष्टि से यात्रा के लिए जलमार्गों का प्रयोग कम ही होता है, लेकिन 80% से अधिक मालढुलाई का काम समुद्र के जरिए होता है। सामान के अंतर्राष्ट्रीय निर्यात और आयात के लिए विभिन्न देश जहाजों तथा अन्य समुद्री जलयानों पर ही निर्भर होते हैं। जहां तक समुद्री जहाज और नौवहन का संबंध् है, समुद्री इंजीनियरी इससे जुड़ा सर्वाधिक मौलिक व्यवसाय है।

समुद्री इंजीनियरी, इंजीनियरी की एक वह शाखा है जो कि समुद्री वास्तुकला तथा विज्ञान से संबंधित है। 'समुद्री इंजीनियरी' शब्द का अर्थ है ऐसा अनुसंधान कार्य जो कि महासागरों और तटीय या समुद्र से जुड़े अंतर्देशीय जल में संचालित किया जाता है। समुद्री इंजीनियरी पाठ्यक्रम जहाजों के निर्माण तथा जहाजों के अनुरक्षण और अन्य समुद्री नौकाओं से संबंधित होते हैं।

समुद्री इंजीनियरों पर जहाज के तकनीकी प्रबंधन का पूर्ण दायित्व होता है। उन पर जहाजों के यंत्रों के चयन के लिए जिम्मेदारी होती है, जिनमें डीजल इंजन, भाप टरबाईन, गैस टरबाईन शामिल हो सकते हैं तथा साथ ही उन पर पूरे जहाज के यांत्रिक, वैद्युत, फ्रल्युड और नियंत्रण प्रणालियों के डिजाइन का भी दायित्व होता है।

वे जहाज के क्रू के सदस्य होते हैं जो कि समुद्री तकनीशियनों और दस्तकारों की टीम के प्रबंधन के प्रभारी होते हैं। इंजन कक्ष के निर्माण, प्रचालन तथा अनुरक्षण संबंधी कार्य समुद्री इंजीनियर का मुख्य दायित्व होता है।

समुद्री इंजीनियर बनने के वास्ते समुद्री विज्ञान में बीई अपेक्षित शैक्षणिक योग्यता है। यह एक ऐसा कॅरिअर है जिसमें ऑफ-शोर रोजगारों सहित विभिन्न तरह के रोजगारों के व्यापक अवसर मौजूद हैं। इसका सर्वाधिक आकर्षक भाग है बहुत अच्छे पारिश्रमिक के साथ-साथ अनिवासी भारतीय का दर्जा। बहुत से भारतीय और विदेशी संस्थान समुद्री इंजीनियरी में पाठ्यक्रम संचालित करते हैं। समुद्री इंजीनियरों के लिए रोजगार के व्यापक अवसर इंतजार कर रहे हैं और इनके लिए करीब 100% प्लेसमेंट की दर है। अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक समुद्री यातायात में वृद्वि के साथ ही सार्वजनिक और निजी नौवहन कम्पनियों में समुद्री इंजीनियरों की मांग में बहुत अधिक वृद्वि हुई है।
पात्रता

समुद्री इंजीनियर बनने के लिए समुद्री इंजीनियरिंग/ समुद्री विज्ञान में बीई और यांत्रिक इंजीनियरी में स्नातकोत्तर डिप्लोमा मौलिक योग्यता है। समुद्री इंजीनियरिंग या समुद्री विज्ञान में बैचलर डिग्री के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता विज्ञान विषयों में, जैसे कि भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित में उच्च अंक-प्रतिशतता के साथ जमा दो या समकक्ष योग्यता है। ये पाठ्यक्रम 4 वर्ष की अवधि के हैं। चेन्नै स्कूल ऑफ शिप मैनेजमेंट समुद्री इंजीनियर बनने के लिए तीन वर्ष की अवधि का वैकल्पिक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करता है। एक अच्छा समुद्री इंजीनियर बनने के लिए अच्छा स्वास्थ्य होना अपेक्षित है।

शारीरिक फिटनेस आवश्यक है तथा कुछेक चिकित्सा मानदंड भी हैं जिनका होना समुद्री इंजीनियरी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जरूरी है उम्मीदवार की न्यूनतम ऊंचाई 150 सेंमी. होनी चाहिए तथा इसके अनुसार वजन और समानुपातिक रूप से न्यूनतम 5 सेंमी. के विस्तार के साथ सीना भी होना चाहिए। उन्हें निर्धारित मानदंडों के तहत समुद्री सेवा के लिए चिकित्सा फिटनेस परीक्षण में सफल होना होगा तथा उनकी नेत्र दृष्टि 6/6 हो और कोई रंगांधता न हो।

जिनके पास समुद्री इंजीनियरी में बीई योग्यता है, और आगे अध्ययन के इच्छुक हैं वे दो वर्ष की अवधि का स्नातकोत्तर अध्ययन (अर्थात्‌ समुद्री इंजीनियरी में एमई) तथा पी-एच. डी. कर सकते हैं। एम.ई. और पी-एच.डी. के लिए शैक्षणिक योग्यता क्रमशः बी.ई. समुद्री विज्ञान और एम.ई. समुद्री विज्ञान है। भारत में और विदेश में कई संस्थानों द्वारा ये पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
व्यक्तिगत कौशल :

समुद्री इंजीनियर बनने के वास्ते किसी भी व्यक्ति के पास कुछ अनिवार्य व्यक्तिगत खूबियां होना जरूरी हैं। अच्छी अंग्रेजी भाषा दक्षता और शारीरिक फिटनेस अनिवार्य है। उनके पास उत्कृष्ट तकनीकी ज्ञान, गणित तथा सूचना प्रौद्योगिकी कौशल होना चाहिए। किसी समुद्री इंजीनियर के पास सांगठनिक गुणवत्ता, टीम भावना और व्यावहारिक सोच के साथ-साथ सामान्य सूझबूझ होनी चाहिए। उनके पास दबाव में भी शांत रहने के गुण होने चाहिए तथा यह ज्ञान होना चाहिए कि स्थिति से कैसे निपटा जा सकता है उन्हें स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रक्रियाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा उनकी समुद्री यात्रा में रुचि हो और अपने कार्य के प्रति समर्पण का भाव हो।
रोजगार की संभावना तथा कॅरिअर विकल्प

समुद्री इंजीनियरों को डिजाइनिंग, अनुसंधान और कंसलटेंसी के क्षेत्रों में भी नियुक्त किया जाता है। उनके लिए डिजाइनिंग और भवन फर्मों में भी अवसर हैं तथा वे शिक्षण या प्रशिक्षण व्यवसाय से भी जुड़ सकते हैं। वे ऐसे किसी अन्य व्यवसाय से भी जुड़ सकते हैं जिसके लिए मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरी स्नातक योग्यता की आवश्यकता होती है।

समुद्री इंजीनियरों के लिए विदेशों में भी बेहतरीन रोजगार के अवसर मौजूद हैं। अंतर्राष्ट्रीय रूप से मान्यता प्राप्त संगठन ऐसे नवीन व्यक्तियों तथा प्रशिक्षणार्थियों को भी भर्ती करते हैं, जिन्हें कोई अनुभव नहीं होता है, संबंधित ब्यूरो नौसेना वास्तुकला, समुद्री इंजीनियरी तथा संबद्व विषयों के सिद्वान्तों पर आधारित नियम तैयार करने के काम करते हैं। फ्रांस और ब्रिटेन जैसे अन्य देशों द्वारा भी युवा समुद्री इंजीनियरों की भर्ती की जाती है।
पारिश्रमिक

इंजीनियरी के क्षेत्र में अच्छे वेतन वाले कॅरिअर्स में समुद्री इंजीनियरी भी एक है। प्रवेश स्तर पर भी समुद्री इंजीनियर को बेहतरीन वेतन पैकेज मिलता है। एक कनिष्ठ अभियंता भारतीय जहाज में करीब 25000-30000 रु. प्रति माह तथा विदेशी जहाज में करीब 74,000 रु. प्रति माह अर्जित कर सकता है। मुख्य अभियंता को करीब 1,85,000 रु. प्रतिमाह तक प्राप्त होता है।

समुद्री इंजीनियरी पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थान



बंगलौर इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग एंड इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी, रु5, एसआरएस काम्प्लेक्स, एनजीईएफ ले आउट, 80, फीट रोड, नगराबवी, बंगलौर-560072

कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (आन्ध्र प्रदेश), वाल्टेअर, विशाखापत्तनम-530003 (आन्ध्र प्रदेश)

नौवहन महानिदेशालय, जहाज भवन, बेलार्ड एस्टेट, वालचंद हीराचंद मार्ग, मुंबई-400001 (महाराष्ट्र) आईआईटी, (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान), पवई, मुंबई-400076 (महाराष्ट्र)

भारतीय समुद्री कॉलेज, पी.एस. नं. 1262, काचिगुडा स्टेशन रोड, हैदराबाद-500027, (आन्ध्र प्रदेश)

इंटरनेशनल मॅरीन कम्युनिकेशन सेंटर, 134/3 आरएच रोड, निकट लुज कॉर्नर, माइलापोर, चेन्नै-600004

लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज ऑफ एडवांस्ड मैरीटाइम स्टडीज एंड रिसर्च, हे-बंडर, सेवरी, मुंबई-400033 (महाराष्ट्र)

महाराष्ट्र अकेडमी ऑफ नेवॅल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एमएएनईटी), गेट नं. 140, लोनी कलभोर, राजबाग, पुणे-सोलापुर राजमार्ग, पुणे-412201 (महाराष्ट्र)

मॅरीन इंजीनियरी एवं अनुसंधान संस्थान, हे बंडर रोड, मुंबई-400033 (महाराष्ट्र)

मॅरीन इंजीनियरी इंस्टीट्यूट, पी-19, तारतोला रोड, कोलकाता-700088 (पश्चिम बंगाल)

मोहम्मद साथक इंजीनियरी कॉलेज, किलाकराई- 623806,

रामनाथपुरम जिला, तमिलनाडु पदमभूषण वसंतदादा पाटिल प्रतिष्ठान का कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पूर्वी एक्सप्रेस राजमार्ग, निकट एवरेड नगर, चूनाभट्ठी, चैम्बर, मुंबई-400022 (महाराष्ट्र)

आर.एल. इंस्टीट्यूट ऑफ नॉटिकल साइंस, टीवीआर नगर, अरूपुकोट्टाई रोड, मदुरई- 625022, तमिलनाडु राजस्थान विद्यापीठ (विश्वविद्यालयवत्‌), विश्वविद्यालय, राजस्थान

टी.एस. चाणक्य, करौस, न्यू मुंबई-400706 (महाराष्ट्र)

तोलानी मैरीटाईम इंस्टीट्यूट, तालेगांव, चाकन रोड, इंदुरी, तालेगांव, पुणे-410507 (महाराष्ट्र)

मार्गदर्शन:- कैसे करें बैकिंग की तैयारी (IBPS PO)?


कया है IBPS PO ?

IBPS PO  की परीक्षा IBPS के द्वारा आयोजित की जाती है। इसके द्वारा उम्मीदवारों को  PO बनने का अवसर मिलता है। IBPS सभी public sector बैंकों के लिए यह परीक्षा आयोजित करता है। तो लगभग 20 के आसपास public sector  बैंक है जो ibps में हिसा लेते हैं।

Elegibility Criteria :-

आयु सीमा : - 20-28 general category के लिए

(reserved categories के लिए 5 वर्ष की छूट )

(OBC के लिए 3  वर्ष की छूट)

(विकलांगों के लिए 10 वर्ष की छूट)

शैक्षणिक योग्यता :-  60 प्रतिशत अंक स्नातक में जो कि एक मान्य विश्वविद्यालय में (इसमें reserved category के लिए 5 वर्ष की छूट है)

परीक्षा की प्रणाली: सामान्य लिखित परीक्षा और सामान्य साक्षात्कार

Passing marks:- 40 प्रतिशत अंक हर विषय में और कुल अंक 100

परीक्षा की विधि(Paper Pattern): -

यह परीक्षा एक सामान्य लिखित परीक्षा और उसके बाद एक साक्षात्कार से संपन्न होती है। सिर्फ वो आवेदक जो सामान्य लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं, केवल वहीं साक्षात्कार में बैठ सकते हैं।

Common Written Exam:

The test is of 200 marks and will cover five areas: Quantitative Aptitude, General Awareness, Reasoning, Computer Knowledge and English Language.

Common interview

Initially, the participating banks conducted the common interview. But since 2012, IBPS has taken up the responsibility to arrange the common interview at various locations. Post which, they will prepare a list of the meritorious candidates, which the banks will then refer to for the recruitment process.

IBPS पेपर पैटर्न(Papper Pattern):

सामान्य लिखित परीक्षा की अवधि 120 मिनट की है और ये परीक्षा नीचे दिए गए विषयों में इस तरह से बंटता है।



सभी प्रश्न एक अंक के होते हैं और इसमें प्रत्येक गलत उत्तर के लिए – 0.25 negative marking  की जाती है।

किस तरह से केंट तैयारी (कुछ महत्वपूर्ण बाते Preparation Tips): -

1. पाठयक्रम को समझे:-

चाहे आप पहली बारी ही इस परीक्षा की तैयारी कर रहे हों या फिर आप पहले भी इस परीक्षा में बैठ चुके हों, दोनों ही बातों में यह बहुत जरूरी है कि आपको पाठयक्रम की पूरी समझ हो। तो हम आपको बता दें कि IBPS PO  का पाठयक्रम पांच विषयों से बनता है। ये विषय है: Reasoning, English Language, Numerical Ability, General Awareness and Computer Knowledge इनमें से  Banking Industry और Computer Knowledge के ज्यादा सवाल पूछे जाते हैं।

2. पढऩे की आदत को अपनाएं:

एक बार अपने ये थान लिया कि आपने  IBPS PO की तैयारी करनी है तो आप तुरंत पढ़ने की आदत को बडावा  दें । आपको  बहुत सारी किताबे, खबरे और Internet से ज्ञान पढऩा है, साथ ही आपको current affairs  और सामान्य ज्ञान भी पढऩा है और ये भी जरूरी है कि आप प्रतिदिन किसी English newspapper को पढ़ें।

3. खुद को कम्प्यूटर का दोस्त बनाएं:

हो सकता है कि आपका कम्प्यूटर ज्ञान बहुत कम हो, परंतु आईबीपीएस को उत्तीर्ण करने के लिए आपको कम्प्यूटर के प्रश्नों का उत्तर लिखना ही पड़ेगा। आपको कम्प्यूटर से जुड़े हर सामान्य ज्ञान को पाना है। इसकी मदद से आप Internet  में छुपे असीमित ज्ञान को भी पा सकते हैं। तो बहुत जरूरी है कि आप कम्प्यूटर को अपना दोस्त बनाएं।

4. समय नियोजन का पूरा उपयोग करें:

अगर आप आईबीपीएस में प्रवेश करना चाहते हैं तो आपको अपने हर पल का हिसाब रखना पड़ेगा। आप एक भी पल को व्यर्थ न गवाएं। आईबीपीएस में 200 प्रश्न हैं, जिन्हें 120 मिनटों मेंउत्तर करना है। तो आप ये हिसाब लगा सकते हैं कि आपको हर प्रश्न को उत्तर करने के लिए एक मिनट से भी कम का समय मिलता है। तो घड़ी को अपने पास रख कर आज से ही इस परीक्षा की तैयारी शुरू करें और अभ्यास के लिए आप हर दिन दो घंटों का समय चयनित करके 200 अभ्यास प्रश्नों का उत्तर देने की कोशिश करें। इससे पता लगाया जा सकता है कि आपको प्रश्नों का उत्तर देने में कितना समय लगता है।

5. अपनी कमजोरियों का आकंलन करें:

आप अपनी कमियों को अभ्यास के द्वारा खोज सकते हैं। इससे आपको पता चलेगा कि किन-किन विषयों में आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है। आप उन विषयों को ठोस करने के लिए अपना अभ्यास तेज कर सकते हैं। उन विषयों को ज्यादा समय दे सकते हैं। साथ ही अपनी गति का भी आंकलन कर सकते हैं, जिस गति से आप अपने प्रश्नों का उत्तर कर रहे हैं।

6. अभ्यास परीक्षा एवं मॉक टेस्ट का सहारा लें:

आपकी तैयारी के लिए सबसे उच्च तरीका ये है कि आप खुद ही अभ्यास प्रश्नों की परीक्षा करें और घड़ी में समय निर्धारित करें। ये आपको हौंसला देगा और निरंतर आगे बढऩे के लिए रास्ता भी।

7. आप अपनी विधि और चालों (tricks)  का इस्तेमाल करें:

आप जानते हैं कि हर प्रश्न का उत्तर देने के लिए एक मिनट से कम का समय है और हर गलत उत्तर पर आपके 0. 25 अंक काटे जाते  हैं। इसलिए ये जरूरी है कि आप सूझबूझ कर प्रश्नों का उत्तर दें। सभी प्रश्नों का उत्तर करना ज्यादा जरूरी नहीं है। किंतु ये ज्यादा जरूरी है कि आप जितने भी प्रश्नों का उत्तर करें वे सही हो और कम से कम आप 120 प्रश्नों का सही उत्तर करें।

8. परीक्षा में अनुमान न लगाएं:

हर अलत उत्तर आपको 0.25 negative अंक ले के आएगा इसलिए आप तुक्का न लगाए। इसलिए यह जरूरी है कि आप उन्हीं प्रश्नों का उत्तर करें, जिनकी आपको पूर्णता जानकारी हो।

9. अपने दिमाग पर बोझ न डाले:

शांत रह कर तैयारी करने पर आप खुद को बेहतर तैयार कर सकते हैं। दिमाग पर बोझ डालने से चीजें याद रखना कठिन हो जाता है। अपनी तैयारी के दौरान खुद को जरूरी आराम दें और अपनी सेहत का ध्यान भी रखें। खुद के निरंतर उत्साहित करते रहें आखिर ये एक परीक्षा ही है।

10. खुद पर विश्वास :

खुद पर विश्वास रखना बहुत जरूरी है कि यह आपको निरंतर उत्साहित करेगा। मेहनत विश्वास और लग्न से अगर आप तैयारी करेंगे तो आप निश्चय ही सफल होकर आएंगे।